Swati Sharma

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लेखनी कहानी -24-Nov-2022 (यादों के झरोखे से :-भाग 9)

                  12वीं में मैंने अपना स्कूल बदला लेकिन वह मेरे जीवन में नए बदलावों से भरा हुआ था। मैंने उस दौरान बास्केटबॉल, टेबल टेनिस और कई अन्य खेल सीखे। हम लोगों को हमारी एक शारीरिक शिक्षा की जो अध्यापिका थीं। वह हर शनिवार को सितोलिया, कबड्डी वगेरह खेल खिलाती थीं। जिसमें मुझे ज़रा भी रुचि नहीं थी। एक बार की बात है हम लोग सितोलिया खेल रहे थे। हमारे केमिस्ट्री के सर भी वहां बैठे हमारा खेल देख रहे थे। कुछ देर बाद जब मेरी बारी गेंद फेंकने की आई, तो वे जोर से चिल्ला पड़े देखना ये एक ही बार में सारे के सारे पत्थर गिरा देगी। और जैसे ही मैंने गेंद मारी सारे पत्थर एक ही बार में गिर गए। सर ज़ोर ज़ोर से खुश होकर तालियां बजाने लगे और कहने लगे - "देखा मैंने कहा था ना ! कि यह लड़की एक ही बार में सारे पत्थर उड़ा देगी। जब एक लड़के के हाथ में गेंद आई वह मुझे मारने दौड़ा। दौड़ने में मैं बहुत कमज़ोर थी, लेकिन जैसे ही उसने मुझ पर निशाना साधा मैं हट गई और मेरी एक। मित्र ने सारे पत्थर जमा दिए। इस तरह हम खेल में विजयी हुए।
                  जैसा कि मैंने जीव विज्ञान के साथ शारीरिक शिक्षा को चुना था। इसलिए, मुझे कुछ खेल गतिविधियां भी करनी थीं। मैं बचपन से ही अपनी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में जितनी अच्छी थी उतनी ही खेल गतिविधियों में खराब थी। खासकर मैं दौड़ने में बहुत बुरी थी। हमारे प्रैक्टिकल परीक्षा में जब हमारे मध्य रेस हुई तो में सबसे पीछे थी। 
                 इसके बाद ऊंची कूद की परीक्षा हुई। मैंने अपने जीवन में पहली बार ऊंची कूद में हिस्सा लिया था और वह अनिवार्य था क्योंकि वह हमारा प्रैक्टिकल का दिन था। इसलिए, मैं इसे छोड़ भी नहीं सकती थी।
                 मैंने इसे आश्चर्यजनक रूप से पूरा किया और सर ने घोषणा की कि मैंने सभी में सबसे अधिक अंक प्राप्त किए हैं। वास्तव में मेरे लिए इस तरह इसे प्राप्त करना बहुत ही चौंकाने वाला और आश्चर्यजनक था। क्योंकि यह मैंने पहली बार किया था और मैंने प्रत्यक्ष रूप से इसमें भाग लिया था। प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए परीक्षक बाहर से आए थे। परंतु, वे मेरा पूरा प्रदर्शन देखने के बाद मुझे 60 में से 60 नंबर देकर गए। तब जाकर मैंने चैन की सांस ली।
                  वैसे मेरा मनपसंद खेल बैडमिंटन है। मैं हर शाम मम्मा- पापा और भाई- बहन के साथ बैडमिंटन खेलती थी। उस खेल में, मैं काफ़ी अच्छी रही हूं। बास्केट बॉल और टेबल टेनिस मेरी सहेलियों ने बहुत अच्छे से सीखा दिया था। ये सभी पल मेरे लिए बहुत ही ख़ास यादगार पलों में से एक हैं।

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6 Comments

Gunjan Kamal

06-Dec-2022 02:35 PM

शानदार

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Swati Sharma

06-Dec-2022 04:01 PM

Dhanyawad

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Pratikhya Priyadarshini

30-Nov-2022 09:19 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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Swati Sharma

30-Nov-2022 10:22 PM

Thank you 🙏🏻💐

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Zakirhusain Abbas Chougule

29-Nov-2022 10:41 PM

Nice

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Swati Sharma

29-Nov-2022 11:40 PM

Thanks sir

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